Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Jailed MP In Lok Sabha: 18वीं लोकसभा के 2 सांसद जेल की सलाखों के पीछे, जानें नियम क्या कहता है 

Jailed MP In Lok Sabha: इस बार नई लोकसभा में दो सांसद ऐसे हैं जिन्होंने जेल की सलाखों के पीछे रहते हुए भी चुनाव जीता है. अमृतपाल सिंह और इंजीनियर राशिद की जीत हैरान करने वाली है. 

Latest News
Jailed MP In Lok Sabha: 18वीं लोकसभा के 2 सांसद जेल की सलाखों के पीछे, जानें नियम क्या कहता है 

18वीं लोकसभा में दो उम्मीदवार जेल से ही जीत बने MP

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections Result 2024) के नतीजे कई मायनों में हैरान करने वाले हैं. इस बार दो सांसद ऐसे चुने गए हैं जो जेल में बंद हैं. जेल से ही उन्होंने चुनाव लड़ा और वो जीत भी गए हैं. इस चुनाव में खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह और तिहाड़ में बंद कश्मीरी नेता अब्दुल राशिद ने भी जीत पाई है. इंजीनियर राशिद ने जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया है. इन सांसदों के क्या अधिकार होंगे और कैसे शपथ लेंगे, जानें इस बारे में नियम क्या कहता है. 

कौन हैं जेल से जीतने वाले दो सांसद 
पंजाब की खडूर साहिब सीट से अमृतपाल सिंह ने जीत दर्ज की है. सिंह को पिछले साल अप्रैल में अरेस्ट किया गया था और वह असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं. सिंह पर खालिस्तानी समर्थक होने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है. जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से टेरर फंडिंग के आरोपी शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद जीते हैं. वह 9 अगस्त 2019 से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं. 


यह भी पढ़ें: Uttar Pradesh BJP में 'भितरघात' की गूंज, बन रही रिपोर्ट, ऊपर से नीचे तक बदलेगा संगठन?


जानें नियम क्या कहते हैं 
इन दोनों सांसदों के ऊपर अब तक दोष सिद्ध नहीं हुआ है और ये आरोपी हैं. अगर दोष सिद्ध होता और दो साल से अधिक की सजा हुई, तो इन्हें सांसद के पद से बर्खास्त कर दिया जाएगा. 

संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकारी इन दोनों सांसदों के शपथ ग्रहण के लिए लोकसभा अध्यक्ष से अनुमति लेंगे, जिसके बाद इन्हें शपथ लेने के लिए संसद लाया जा सकता है और वहां से दोबारा जेल भेज दिया जाएगा. 

सांसद अगर एक पूरे सत्र में अनुपस्थित रहते हैं, तो नियम के मुताबिक उन्हें सदन के सभापति को सूचना देनी होती है और उनकी अनुमति भी लेना होता है. जेल में रहने की वजह से दोनों सांसद सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे, तो इन्हें भी कारण बताते हुए अनुपस्थित रहने की अनुमति लेनी होगी. इसके बाद सभापति सदन के सदस्यों के बीच मतदान भी करवा सकते हैं. 


यह भी पढ़ें: अब 8 नहीं 9 जून को लेंगे PM Modi तीसरी बार शपथ, सामने आया तारीख को लेकर बड़ा अपडेट


ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement