Ambani और Adani से अमीर था ये बादशाह, नहीं करा पाया अपने दांतों का ट्रीटमेंट
Syed Jafri
अमेनहोटेप तृतीय, जिन्हें तूतनखामुन के दादा के रूप में जाना जाता है, मिस्र के लोग उसे एक जीवित देवता के रूप में देखते थे.
नई तस्वीरों से पता चलता है कि वह बहुत छोटे कद का, अधिक वजन वाला एक गंजा व्यक्ति था..
इस पौराणिक फिरौन को पुरातत्वविदों ने "अब तक के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक" बताया है.
1386 ई.पू. में अमेनहोटेप ने मिस्र को अभूतपूर्व समृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय शक्ति के दौर में पहुंचाया.
मिस्र में वो कितना लोकप्रिय था? इसका सबसे बड़ा संकेत यह है कि वहां किसी भी अन्य फ़राओ की तुलना में उसकी सबसे अधिक मूर्तियां हैं.
लेकिन इतनी सारी मूर्तियों के बावजूद अब तक उनके चेहरे का पुनर्निर्माण नहीं किया गया.
कहा जाता है कि वह कम से कम अपने युग में, अब तक के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक था..
1970 के दशक में किये गये शोध में अमेनहोटेप तृतीय को मोटापे से ग्रस्त, बीमार और निष्क्रिय व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है. साथ ही अपने जीवन के अंतिम वर्षों में दंत समस्याओं से ग्रस्त था.
माना जाता है कि अमेनहोटेप की लंबाई 5 फुट 1 इंच से कुछ अधिक थी - जिससे वह मिस्र में शासन करने वाले सबसे छोटे राजाओं में से एक था.
पुरातत्ववेत्ता ने यह भी कहा कि ऐसा माना जाता है किअमेनहोटेप तृतीय 'महिला-प्रेमी' था.
दुनिया अमेनहोटेप तृतीय को तूतनखामुन के दादा के रूप में भी जानती है.