May 27, 2024, 04:11 PM IST

क्यों जामवंत से भगवान श्रीकृष्ण को करना पड़ा था युद्ध?

Abhay Sharma

 रामायण में जामवंत को एक बलशाली योद्धा माना गया है, जामवंत भगवान राम की सेना के सेनापति और रामदूत भी थे.

पौराणिक कथाओं के अनुसार जामवंत को अजर अमर होने का वरदान प्राप्त था. उनका जन्म सतयुग काल में हुआ था और उनका जिक्र द्वापर युग में भी मिलता है. 

एक कथा के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण पर स्यमंतक मणि के चोरी होने के मिथ्या आरोप लगा. वह उस मणि को खोज रहे थे, जो जामवंत के पास एक गुफा में मिली. 

मणि को पाने के लिए श्रीकृष्ण और जामवंत के बीच कई दिनों तक भीषण युद्ध हुआ, अंत में जामवंत पराजित हुए. इससे उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ. 

क्योंकि जामवंत भगवान ब्रह्मा के पुत्र थे और उन्हें  किसी से भी न हारने का वरजदान प्राप्त था. तब उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से उनका परिचय जाना और असली अवतार में आने को कहा. 

ऐसे में श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि वे स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं और राम अवतार के बाद यह उनका अगला जन्म हैं. 

Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.