टेक-ऑटो
ISRO ने भारत के एक स्टार्टअप को बड़ी उपलब्धि के लिए बधाइयां दी हैं. इस स्पेस स्टार्टअप ने एक 3D टेक्नोलॉजी से बना रॉकेट Agnibaan लॉन्च किया है.
Updated : May 30, 2024, 04:54 PM IST
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने हाल ही में भारत के स्पेस स्टार्टअप 'अग्निकुल कॉसमॉस' (Indian Space Startup Agnikul Cosmos) की जमकर तारीफ की है. इस स्टार्टअप ने गुरुवार को अपना पहला रॉकेट 'अग्निबाण' (Agnibaan Rocket) लॉन्च कर दिया है. इस मिशन की कई खास बातों में से एक ये भी है कि इस रॉकेट को 3डी टेक्नोलॉजी के जरिए तैयार किया गया है और इसके साथ रॉकेट 'अग्निबाण (सबऑर्बिटल टेक डेमोंस्ट्रेटर) SoRTed-01' के इंजन को भी नई तकनीक से लैस करते हुए अनोखा बनाया गया है. 'अग्निकुल कॉसमॉस' की इस बड़ी कामयाबी ने कई नए अवसरों के दरवाजे खोल दिए हैं.
30 मई को भारत के स्पेसटेक स्टार्टअप 'अग्निकुल कॉसमॉस' ने श्रीहरिकोटा से 'अग्निबाण' रॉकेट लॉन्च कर दिया है. ये भारत का पहला ऐसा रॉकेट इंजन है, जो गैस और लिक्विड दोनों ही तरह के ईंधन का इस्तेमाल करता है. इसके अलावा रॉकेट लॉन्चिंग में इस्तेमाल किए गए डाटा एक्यूजिशन सिस्टम और फ्लाइट कंप्यूटर्स भी कंपनी ने खुद ही तैयार किए हैं. ये स्टार्टअप का चौथा प्रयास था जिसमें सफलता मिली है. बता दें कि रॉकेल लॉन्चिंग की जिम्मेदारी पहले पूरी तरह ISRO के कंधों पर थी लेकिन 'अग्निकुल कॉसमॉस' की सफलता के जरिए दूसरी प्राइवेट कंपनीज को भी नए अवसर मिल सकते हैं.
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Humbled to announce the successful completion of our first flight - Mission 01 of Agnibaan SOrTeD - from our own and India’s first & only private Launchpad within SDSC-SHAR at Sriharikota. All the mission objectives of this controlled vertical ascent flight were met and… pic.twitter.com/9icDOWjdVC
— AgniKul Cosmos (@AgnikulCosmos) May 30, 2024
इसरो ने सोशल मीडिया पर स्टार्टअप को बधाई देते हुए इसे एक 'बड़ी कामयाबी' बताया है. इसरो ने X पोस्ट में लिखा है कि 'एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से सेमी-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन की पहली कंट्रोल फ्लाइट के रूप में बड़ी कामयाबी हासिल की गई है'. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी टीम को बधाई दी है और बताया है कि 'ये सेमी-क्रायोजेनिक इंजन पर काम करने वाला एक सिंगल-स्टेज वाला रॉकेट है, जिसे पूरी तरह भारत में तैयार किया गया है. आईआईटी मद्रास में इसकी असेंबलिंग हुई है और श्रीहरिकोटा से इसे लॉन्च किया गया है'.
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